लेखनी प्रतियोगिता -15-Jun-2022 गजल : ज्वालामुखी के फूल

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लोग अपने दिलों में नफरतों का लावा भर रहे हैं  पत्थर के रूप में ज्वालामुखी के फूल झर रहे हैं  इंसानियत से बहुत बड़ा बना दिया है मजहब को  मानव का ...

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